हिंदी कहानी-एक समय कि बात है -Hindi story
हिंदी कहानी
एक समय कि बात है एक पति और पत्नी का जोड़ा था I
उनका एक भी बच्चा नहीं था, पर उन्हें एक बेटी की बहुत इच्छा थी
कुच्छ दिनों बाद उनको बच्चा होने वाला था I एक दिन उन्हें खिड़की के बाहर
एक आम का बगीचा दिखा तब से उन्हें वहाँ से आम खाने कि इच्छा हुई उसने
सोची में वो आम खा पाऊँगी उनकी भुख काम होने लगी और तबीयत भी ख़राब
होने लगी I एक दिन उनके पति को बड़ी चिन्ता हुई , और उनसे वादा किया की
उनके लिए मुट्ठी भर आम लाएगा Iवो घर था एक डायन का और उसके चारो और
ऊँचीऊँची दीवारे थी जिस पर कोई चढ़ने की सोच भी नहीं सकते थे वो पूरा जोर
लगाके उस पर चढ़ा गार्डन में गए और मुट्ठी भर आम निकला उनकी पत्नी ने
बड़ी सोक से आम खाई और बेहतर मह्सुश करने लगी पर मुट्ठी भर आम से
उनका जी नहीं भरा अगले दिन उनके पति फिर से उस गार्डन में गये पर इस बार
डायन वही खड़ी थी उस डायन ने उसे गुस्से से बोली इतनी हिमत की मेरे गार्डन
में आ के मेरे आम चुराते हो I उसने बोला मेरी बीबी पेट से है उसे आपके आम
बहुत पसंद है I पर मुझे पूछ तो लेते मुझे माफ़ कर दो I माफ कर दू , तुझे तो सजा
मिलेंगे अगर मेरी पत्नी ने आम नहीं खाया तो बीमार पड़ जाएगी और बच्चे को
परेशानी होगी I प्लीज तो क्यों ना एक सौदा करे तुम्हें जितना चाहिए ये आम ले जा
सकते हो , पर एक सर्त पर तुम्हारे बच्चे को जन्म होते ही मुझे दे दोगे डर के मरे
उन्होंने हा कह दिया I कुछ दिनों के बाद बच्ची हुई और डायन आ के उसे ले गई I
उसने उसका नम रखा मेरी क्योकि जो आम उनकी मोम खाती थी उसका नाम
भी वही था डायन ने मेरी का बहुत खयाल रखा I सोलह साल के होते होते वो बड़ी
सुन्दर हो गई थी I उनका घर जंगल केबीच में एक बहुत ऊँची आरामत में था
और इस अमारत में सीढिया नहीं थी सिर्फ ऊपर एक खिड़की थी I डायन ने कभी
भी इस सुंदरी की बाल नहीं काटे थे उससे मिलने आती तो नीचे से आवाज देती
मेरी मेरी अपने सोने जैसे बाल नीचे करो में तुम्हारी माँ हूँ अपनी खिड़की से मेरी
अपनी सोने जैसी बाल नीचे करती और उसी के सहारे ये डायन उस पे चढ़ जाती
ये सालो तक चलता रहा एक दिन उस जांगल में एक प्रिंस आया शिकार करने
और उसने एक सुरीली आवाज को सुना गाना गाते हुए उसने सोचा और आवाज
की और बढ़ता गया मेरी के अरमात के पास आ के उसने वाया देखा फिर दाया
पर कोई सीढ़ी नजर ही नहीं आई वो आवाज हर रोज प्रिंस को वहाँ लाती थी पर
ऊपर चढ़ ही नहीं पाया I एक रात इमारत की और जाते हुए डायन दिखी डायन
ने फिर से आवाज दी मेरी ने अपने बाल नीचे की और उसी के ये डायन उस पे चढ़
जाती अगले दिन सूरज ढलते ही प्रिंस वहाँ गया और आवाज बदल के चिलाया
मेरी अपनी सोने जैसे बाल नीचे करो में तुम्हारी माँ हूँ रपंजाल ने अपने बाल नीचे
की अपनी माँ के अलावा पहली बार रपंजाल किसी आदमी को देखा I मेरी थोड़ा
डर गई तुम माँ नहीं हो क्यों आये हो यहाँ प्रिंस ने उसे सारी बात बताया मेरी को
प्रिंस की बात अच्छी लगी और अब डर नहीं रहीं थी कुछ समय सब कुछ सही चल
रहा था . हिंदी कहानी
और डायन को कुछ भनक नहीं लगी एक दिन प्रिंस ने मेरी से शादी की
बात की मेरी ने खुशी खुशी हाँ बोली पर मेरी को नीचे जाने का कोई तरीका नहीं
सूझ रहा था अचानक एक एड़िया आया प्रिंस हर बार एक कपड़ा का टुकड़ा
लेकर आता था मेरी उनको जोड़ के एक रस्सी बना रही थी पर एक दिन मेरी से
एक गलती हो गई उसके मुँह से एक बात निकल गई आपसे ज्यादा तेज तो प्रिंस
चढ़ता है प्रिंस कौन प्रिंस डायन को समझ में आ गया की कुछ गड़बड़ है और वो
चिल्लाने लगी तुमने मुझे धोखा दिया है में तुम्हे बहार की दुनिया से बचाना चाहा
डायन ने गुस्से से मेरी के सुन्दर सोने जैसे बाल काट दिये और उसे दूर बेरास के
रेगिस्तान में भेज दिया उस रात डायन प्रिंस का आने का इन्तजार कर रही थी
थोड़ी देर में प्रिंस की आवाज आई डायन ने मेरी के बाल नीचे कर दी ऊपर कौन
है ने जानते हुए मेरी नहीं डायन दिखी वो समझ गया की कुछ बुरा हुआ है डायन
उसकी तरफ आ रही थी की प्रिंस घबरा के गिर गया नीचे कुछ पौधे थे तो प्रिंस
बच गया पर आँखों में काँटे लगाने की वजह से वो देख नहीं पा रहा था और हाँ
बिना देखे प्रिंस जंगल में घूमता रहा मेरी को ढूंढते हुए रास्ते में फल भी मिले तोड़
के खा लिया चलते चलते इतनी दूर आ गया की रेगिस्तान आ गया और अचानक
कुछ सुरीली आवाज सुनाई दी वो आवाज वो पहचानता था वो उस आवाज़ की
तरफ जाने लगा मेरी मेरी चिल्लाते हुए ने प्रिंस की आवाज पहचान ली ओ उसकी
तरफ दौड़ने लगी दोनों कितने खुश हुए और दोनों गले लगे वो रोने लगी मेरी की
आँशु प्रिंस के आँखों पर गिरी और प्रिंस आँखे खोल के देखने लगा था देख के मेरी
बहुत खुश हुई दोनों एक साथ प्रिंस के किले गए और लोगो ने उसे स्वागत किया
और वो दोनों खुशी ख़ुशी रहने लगे .
हिंदी कहानी-एक समय कि बात है
को पढ़ कर उनकी जवान की अनुभूतिया सामने ा जाती है।
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