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Mandir in Jharkhand-Temple in Jharkhand

Temple in Jharkhand

झारखंड राज्य में अनेक प्रकार के धार्मिक लोग निवास करते हैं वे अपने अपने धर्म की पूजा करते हैं, जिनमें से हिंदू धर्म में भी है, आज हम झारखंड में पूजा स्थल यानी कि मंदिर के विषय में चर्चा करेंगे तथा वह मंदिर कहां स्थित है इसके बारे में जानेंगे।
1– बैजनाथ धाम ,देवघरबैजनाथ धाम ,देवघर
यह मंदिर देवघर जिले में स्थित है, इस मंदिर को बोल बम , बाबा धाम तथा अन्य नाम से भी जाना जाता है यह मंदिर पूरे भारत में प्रसिद्ध है,
बैजनाथ धाम का निर्माण गिद्धौर राजवंश के दसवें राजा पूरणमल द्वारा स्थापित कराया गया था, यह शिव के 10 ज्योतिर्लिंगों में से एक मनोकामना लिंग बैजनाथ धाम में स्थापित है ।
इस मंदिर में लोग सावन के महीने में पूजा करने के लिए जाते हैं।
इस मंदिर के प्रांगण में कूल 22 से भी अधिक मंदिर स्थित है जिनके नाम निम्न है, गणेश, बैजनाथ, पार्वती ,सूर्य ,सरस्वती, लक्ष्मी नारायण, रामचंद्र, देवी, अन्नपूर्णा, तारा, काली ,आनंद, भैरव, नीलकंठ, राम लक्ष्मण सीता, जगत जननी, काल भैरव, सनी, गंगा ,नर्वदेश्वर, प्रभाव, संध्या, गौरी ,मनसा, शंकर, हनुमान, बगुला माता।

2- बासुकीनाथ ,दुमकाबासुकीनाथ ,दुमका
यह मंदिर दुमका से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है यह धाम की कथा समुंद्र मंथन से जुड़ी हुई है, इस मंदिर के विषय में या बताया जाता है कि यह मंदिर समुंद्र मंथन हो रहा था उस वक्त मंदराचल पर्वत को मथानी के रूप में तथा बासुकीनाथ को रस्सी के रूप में उपयोग किया गया था यह मंदिर लगभग 150 साल पुराना बताया जाता है और इस मंदिर के विषय में या भी बताया जाता है कि यह हरिजन जाति का मंदिर है, इस मंदिर के स्थान में शिवरात्रि के दिन बहुत विशाल मेला लगता है।
यहां आने वाले तीर्थयात्री का यह मानना है अगर हम इस धाम की यात्रा ना करें तो हमें यात्रा पूरी नहीं लगती।

3- छिन्मस्तिका मंदिर, रजरप्पाछिन्मस्तिका मंदिर, रजरप्पा
यह मंदिर झारखंड राज्य के रामगढ़ जिले में स्थित है, यह रांची से लगभग 79 किलोमीटर की दूरी में स्थित है , यहां के निवासियों का मानना है कि यह मंदिर लगभग 6000 वर्ष पुराना है।
यह मंदिर दामोदर तथा भैरवी नदी के संगम स्थित है, यहां पर सर्दी दुर्गा
उत्सव मैं मां की महानवमी पूजा सबसे पहले संथाल आदिवासियों द्वारा की जाती है यहां पर कई यात्री पूजा कथा मुंडन के लिए जाते हैं। इस मंदिर के किनारे किनारे जंगल मौजूद है जिसकी वजह से इसका सौंदर्य और बिखरता है।
इस मंदिर के प्रांगण में लगभग 7 मंदिर और हैं जिनके नाम निम्न है- मां काली, सूर्य मंदिर ,बाबा धाम ,हनुमान, विराट,
दस महाविद्या तथा शिव मंदिर स्थित है। यहां के स्थानीय निवासी इसे रजरप्पा मंदिर बोलते हैं।
इस मंदिर में पूजा करना आपको दो नदियों में किन्ही एक में स्नान करना होगा उसके बाद ही आप इस मंदिर में पूजा कर सकते हैं इस मंदिर में लगभग रोजाना 3 से 4 हजार पूजा करने के लिए आते हैं।छिन्मस्तिका मंदिर, रजरप्पा

 

 

 

 

4- जगरनाथ मंदिर ,रांची
यह मंदिर झारखंड की राजधानी रांची में स्थित है इस मंदिर की स्थापना सन 1691 ईस्वी में की गई थी इस मंदिर की स्थापना नागवंशी राजा ठाकुर एनी शाह के द्वारा की गई थी, इस मंदिर का निर्माण एक छोटी पहाड़ी पर किया गया है जिसकी ऊंचाई लगभग 80 से 90 मीटर है, इस बारे में रथ यात्रा के दिन बहुत ही विशाल मेरा लगता है तथा इस मेले को देखने के लिए कई दूर-दूर से लोग आते हैं यह मेला पूरे भारत में प्रसिद्ध है।जगरनाथ मंदिर ,रांची

 

 

 

5- मां भद्रकाली मंदिर ,चतरा
यह मंदिर झारखंड के चतरा जिले में स्थित है यह मंदिर की मूर्ति एक ही सिला खान से तराशे गई है जोकि 4.5 फीट ऊंची तथा2.5 फिट चौड़ी है तथा यह मूर्ति 30 मण भारी है।
यहां के निवासियों का यह मानना है कि यह मंदिर लगभग 5वी-6वी शताब्दी में निर्मित है, इस मंदिर में हर वर्ष जेठ माह एकादशी को मेला लगता है। इस मंदिर में मां काली को खिचड़ी या खीर का भोग लगाया जाता है।
इस मंदिर में लोग दूर-दूर से अपनी मनोकामना को पूरी करने के लिए यहां पर आते हैं तथा अपना शिश झुकाते हैं। यह मंदिर झारखंड के ऐतिहासिक मंदिरों में से एक मंदिर है।मां भद्रकाली मंदिर ,चतरा

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